बेपर्वाही (Beparvahi)
हमने कान बंद कर लिए हैं
अब न चीखें सुनाई देती हैं न धमाके
हमने आँखें बंद कर ली हैं
अब न ज़ुल्म दिखते हैं न नाइन्साफ़ी
हमने हाथ बाँध लिए हैं
अब न कोई मदद करता है न हिफाज़त
इतना सब कुछ बंद कर लिया है
की अब हर दिल भी धड़कना बंद कर ही देगा
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